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  • By EYE Q India
  • April 18, 2018
Squint in Eyes, Pediatrics eye care

आँखों के रोशनी जितना ही ज़रूरी उसका साफ़ देख पाना भी होता है। उसी तरह कई लोगों की आँखों में बचपन से ही भेंगापन होता है या किसी कारण उन्हें इस समस्या से जुजना पड़ता है। जिस कारण उन्हें कई बार लोगों से बातचीत करने में झिझक होती है। लेकिन इस समस्या से किसको भी संकोच नहीं होना चाहिए क्योंकि इस का इलाज संभव है।

आँखों का भेंगापन क्या है? (What is Squint in Hindi)

आम भाषा में कहे तो आँखों का तिरछापन और अंग्रेजी में इसे सिक्विंट कहते हैं। यदि समय रहते इसका इलाज ना करवाया जाए, तो भविष्य में कई दिक्कतों का समाना करना पड़ सकता है। यह समस्या किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकती है। अगर सही समय पर इस बीमारी का पता चल जाए तो इलाज आसनी हो जाता है।

आँखों के भेंगापन के कारण (Causes of Squint in Hindi)

  • मधुमेह
  • आँखों में किसी तरह की चोट लग जाना
  • किसी बीमारी के कारण आँखों को नुक्सान पहुंचना
  • थाइरोइड की समस्या
  • मोतियाबिंद
  • दिमागी चोट के कारण
  • किसी आघात स्ट्रोक के कारण
  • ग्रेव्स की बीमारी

आँखों के भेंगापन के लक्षण (Symptoms of Squint in Hindi)

  • भेन्गेपन के लक्षण पूरे समय भी रह सकते हैं और आते-जाते भी हो सकते हैं।
  • देखने में मुश्किल होना।
  • ऑंखें क्रॉस दिशा में दिखना।
  • तिरछी आँखें होना।
  • दोहरी दृष्टि होना।
  • आँखों का एक साथ न घूम पाना।
  • आंखे जो एक दिशा की और अपना लक्ष्य तय न कर पायें।
  • दृष्टि की या गहराई के अनुमान लगाने में हानि।

आँखों के भेंगापन के लिए परीक्षण (Diagnosis of Squint in Hindi)

इस परीक्षण में डॉक्टर आँखों की पूरी जाँच करने के लिए कुछ टेस्ट करते हैं, जो इस प्रकार है।

  • रेटिना की जाँच
  • कॉर्नियल लाइट रिफ्लेक्स की जाँच
  • कवर और अनकवर परीक्षण
  • मस्तिष्क और न्यूरोलॉजिकल जाँच
  • द्रश्य तीक्ष्णता की जाँच (visual acuity)

आँखों के भेंगापन का उपचार (Squint Treatment in Hindi)

आँखों के भेंगापन का उपचार उसके कारण के अनुसार ही किया जाता है। उपचार के तौर पर चश्मे, थेरेपी व सर्जरी का सहरा लिया जाता है।

चश्मा- यदि आँखों में एसोट्रोपिया यानि दूर की वस्तुओं पर ध्यान केन्द्रित करते समय आँखों का मुड़ जाना तो इस अवस्था में डॉक्टर चश्मा या लेंस का सुझाव देते हैं। लेकिन यदि चश्मे या लेंस के बाद भी आँखों का मुड़ना ठीक नहीं होता तब सर्जरी की जाती है।

सर्जरी- सर्जरी में लगभग 1 घंटे का समय लगता है जिसमें आँखों की गतिविधियों को नियंत्रित करने कोशिश की जाती है। इस सर्जरी के बाद आँखों को ठीक होने में कम से कम 6 से 8 हफ्तें लग जाते हैं। कई बार सर्जरी के तुरंत बाद डबल दिख सकता है और इस सर्जरी के बाद बच्चे की आँखों का चश्मा नही हटता है।

दवाई- किसी-किसी केस डॉक्टर सर्जरी के बाद कुछ दवाईयों के सेवन के लिए परामर्श देते हैं।

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